महिलाओं के लिए फिटनेस और उम्र से कम दिखने की चाहत उन्हें वजन घटाने को प्रेरित करती रहती है। आपने जिम ज्वॉइन किया, वर्कआउट किए पर पतले होने का संकल्प फिर से फेल हो ही गया । आपका पतला होना या न होना, खुद आपके हाथ में है। खूब सारा पानी पीना, खाने-पीने का ध्यान रखना…ये सब आपको करना ही होगा। कभी किसी पार्टी में जाएं तो यह न सोचें कि एक दिन के खाने से क्या फर्क पड़ता है। आपको खाने-पीने की चॉइस स्मार्ट रखनी होगी।

महिलाओं के लिए फिटनेस

खुद को महत्व न देना
आपके पास कामों की अक्सर एक लंबी फेहरिस्त होती है। सुबह बच्चों को स्कूल भेजना, उनके टिफिन तैयार करना, पति का लंच बनाना, घर के काम करना। एक के बाद एक कामों को निपटाने की जद्दोजहद में आप अपने लिए सही खान-पान का चयन ही नहीं कर पातीं। सुबह नाश्ता ढंग से न करने से आपके मेटाबॉलिज्म पर बुरा असर होता है। इसलिए खुद को अपनी प्राथमिकता बनाना सीखें।

दूसरों से तुलना
किसी पार्टी या ईवनिंग फंक्शन में आपने दूसरी महिला को वजन घटाए हुए देख लिया, आप उसकी देखा-देखी करने लगती हैं। डाइट का चुनाव सहेली की तरह कर लेने से भी खराब स्वास्थ्य और बेडौल फिगर आप भुगतती हैं।

एक्सरसाइज न करने के बहाने
महीने में वो पांच दिन हों या कम्फर्ट जोन, आप नियमित व्यायाम न करने के अनेक बहाने ढूंढ ही लेती हैं। शुरू में एक्सरसाइज करना आपको अच्छा लगता है पर फिर वर्कआउट में आलस्य आने लगता है।

डाइट प्लान पर अडिग न रहना
वजन कम करने का डाइट प्लान अक्सर किसी फंक्शन या शादी की भेंट चढ़ जाता है। फंक्शन में भोजन का तय फॉर्मूला बिगड़ जाता है। आपको लगता है, बाद में आप वजन संतुलित कर लेंगी पर ऐसा होता नहीं है।

क्या करें
सबसे पहले तो दृढ़ संकल्पित हों कि वजन नहीं भी घटा तो भी फिट रहने का प्रयास आप लगातार करती रहेंगी।

महिलाओं के लिए फिटनेस हेतु जरूरी है योग और व्यायाम –
अक्सर लोग योग को सिर्फ प्राणायाम से जोड़ देते हैं। योग के कई आसन वजन घटाने और इंच कम करने में सहायक होते हैं। शरीर का प्रकार, आयु और आवश्यकता के अनुसार योगासान व व्यायाम करें।

वॉक करें
पतले होने, फिट रहने के लिए चहलकदमी जरूरी है। रोजाना पांच किलोमीटर पैदल चलने की बजाय इंटरवल ट्रेनिंग कीजिए। कुछ दूर चलिए, फिर जॉगिंग करें। आप उल्टी वॉक भी कर सकती हैं। इससे दिमाग चौकन्ना होगा और मांसपेशियां मजबूत।

सुबह से शुरुआत करें
सुबह उठते ही आप नारियल पानी पीएं या भीगे हुए बादाम खाएं। आपको ऊर्जा के साथ आवश्यक खनिज मिल जाएंगे। गर्म पानी में नींबू निचोड़ कर शहद के साथ लेने से शरीर डीटॉक्सीफाई होगा। भीगी दाना मेथी या गर्म पानी में दालचीनी, थोड़ी हल्दी लें। एलोवीरा जूस या आंवला जूस लेने से दिन की शुरुआत अच्छी होगी।

उन दिनों में खयाल रखें
पीरियड्स के आने से पहले या इमोशनल स्ट्रेस होने पर मीठा खाने की इच्छा बलवती हो जाती है। घर में मीठे फल जैसे अंगूर, चीकू, सेब रखें। किशमिश या मीठी सौंफ भी रख सकती हैं। इच्छा होने पर इन्हें खाया जा सकता है।

घर में तला-भुना न रखें
कैलोरी बढ़ाने वाली सामग्री घर में न रखें। भूख लगने पर, लंच और डिनर के बीच के समय के लिए भुने चने, मूंगफली या अलसी, सूखे मेवे रखें। उबले या भुने चनों पर प्याज, टमाटर, हरी मिर्च, धनिया, चाट मसाला छिडक़ कर खाएं। खाने के बाद यदि मीठा खाने की इच्छा है तो फ्लेवर्ड योगर्ट लें।

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खान पान के सही तरीके

1) किसी ऋषि ने कहा है कि “खाने को पियो और पीने को खाओ” अर्थात पानी को हमेशा घूँट-घूँट करके चबाते हुए पियें और खाने को इतना चबायें कि वह पानी बन जाये।
2) सुबह जागने के बाद बिना कुल्ला करे 2 से 3 गिलास पानी सुखासन में बैठकर घूँट-घूँट करके पियें यानी उषा पान करें ।
3) खाने के 40 मिनट पहले और 60-90 मिनट के बाद पानी पियें और फ्रिज का ठंडा पानी, बर्फ डाला हुआ पानी जीवन मे कभी भी नही पियें गुनगुना या मिट्टी के घड़े का पानी ही पियें ।
4) खड़े होकर पानी पीने से पानी हड्डियों के जोड़ में जमा हो सकता है जिससे आर्थराइटिस का खतरा रहता है ।
5) खाने के साथ भी कभी पानी न पियें। जरुरत पड़े तो सुबह ताजा फल का रस, दोपहर में छाछ और रात्रि मे गर्म दूध का उपयोग कर सकते हैं।

खान पान का सही तरीका


6) भोजन हमेशा सुखासन में बैठकर करें और ध्यान खाने पर ही रहे, मतलब टेलीविजन देखते, गाने सुनते हुए, पढ़ते हुए, बातचीत करते हुए कभी भी भोजन न करें।
7) हमेशा बैठ कर खाना खायें और पानी पियें। अगर संभव हो तो सुखासन, सिद्धासन में बैठ कर ही खाना खायें।
8) फ्रिज़ मे रखा हुआ भोजन न करें या उसे साधारण तापमान में आने पर ही खायें दुबारा कभी भी गर्म ना करे ।
9) गूँथ कर रखे हुये आटे की रोटी बनाकर कभी न खाये, जैसे- कुछ लोग सुबह में ही आटा गूँथ कर रख देते हैं और शाम को उसी से बनी हुई चपाती खा लेते हैं जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। ताजा बनाए ताजा खायें।
10) खाना खाने के तुरंत बाद पेशाब जरूर करें ऐसा करने से डायबिटीज होने की संभावना कम होती है।
11) मौसम पर आने वाले फल और सब्जियाँ ही उत्तम हैं इसलिए बिना मौसम वाली सब्जियाँ या फल न खायें।
12) सुबह मे पेट भर भोजन करें, जबकि रात में बहुत हल्का भोजन करें।
13) रात को खीरा, दही और कोई भी वात उत्पन्न करने वाली चीज न खायें।
14) दही के साथ उड़द की दाल न खाये। जैसे- दही और उड़द की दाल का बना हुआ भल्ला।
15) दूध के साथ नमक या नमक की बनी कोई भी चीज न खायें, क्योंकि ये दोनों एक दूसरे के प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं।
16) दूध से बनी कोई भी दो चीजे एक साथ न खायें।
17) कोई भी खट्टी चीज दूध के साथ न खायें सिर्फ एक खा सकते हैं आँवला। खट्टे आम का शेक न पियें केवल मीठे पके हुए आम का ही शेक पियें ।
18) कभी भी घी और शहद का उपयोग एक साथ न करें क्योंकि दोनों मिलकर विष बनाते है।
19) खाना भूख से कम ही खाये। जीने के लिए खाना खायें न कि खाने के लिए जियें।
20) रिफाइण्ड तेल जहर है आप हमेशा कच्ची घाणी का सरसों, तिल या मूगंफली का तेल ही उपयोग करें और जीवन मे हार्ट अटेक व जोड़ों के दर्द से बचें ।
21) तला और मसालेयुक्त खाना खाने से बचें। अगर ज्यादा ही मन हो तो सुबह के समय खायें रात मे कभी भी नहीं।
22) खाने मे गुड़ या मिश्री का प्रयोग करें, चीनी के प्रयोग से बचें।
23) नमक का अधिक सेवन न करें। आयोडीन युक्त समुद्री नमक का उपयोग बिल्कुल भी नही करें । सेंधा, काला या डली वाला नमक इस्तेमाल करें।
24) मैदा, नमक और चीनी ये तीनों सफ़ेद जहर है इनके प्रयोग से बचें।
25) हमेशा साधारण पानी से नहाएँ और पहले सर पर पानी डाले फिर पैरों पर और अगर गरम से नहाओ तो हमेशा पहले पैरो पर फिर सर पर पानी डालना चाहिये।
26) हमेशा पीठ को सीधी रख कर बैठें।
27) सर्दियों मे होंठ के फटने से बचने के लिए नहाने से पहले नाभि में सरसों के तेल लगायें । जबरदस्त लाभ मिलता है।
28) शाम के खाने के बाद 2 घंटे तक न सोयें। 5 से 10 मिनट वज्रासन में बैठें 1000 कदम की वाक जरूर करें।
29) खाना हमेशा ऐसी जगह पकाया जाये जहां वायु और सूर्य दोनों का स्पर्श खाने को मिल सके।
30) कुकर मे खाना न पकाएँ बल्कि किसी खुले बर्तन में बनाएँ, क्योंकि कुकर में खाना उबलता है और खुले बर्तन के अन्दर खाना पकता है । कुकर में प्रोटीन की मात्रा मात्र 13 प्रतिशत रहती है जबकि खुले बर्तन में पकाने पर प्रोटीन की मात्रा 93 प्रतिशत होती है ।
31) सिल्वर के बर्तनों का प्रयोग खाना बनाने और खाने दोनों के लिए कभी भी न करें । पीतल, कांसा, मिट्टी के बर्तन का ही उपयोग करें।
32) खाने को कम से कम 32 बार चबायें।
33) रोज टूथब्रश का प्रयोग न करें इससे मसूड़े कमजोर होते है। दंतमंजन का प्रयोग कर सकते है।
34) अपनी दोनों नासिकाओं में देशी गाय के घी को हल्का गुनगुना करके 1-1 बूंद रात में डालने से दिमाग तंदुरुस्त रहता है। नजला जुकाम, सिर दर्द, माइग्रेन, नींद नहीं आना, तनाव आदि समस्या का समाधान होता है ।
35) हमेशा मीठा, नमकीन से पहले खाना चाहिए । 
36) बार-बार नहीं खाना चाहिये एक बार बैठ कर भरपेट या उससे थोड़ा कम खाना चाहिये।
37) हमेशा सकारात्मक सोचना चाहिये। नकारात्मक सोचने से भी बीमारियाँ आती हैं।

नमकीन पानी और उससे जुड़े कुछ घरेलू उपाय

1.गरारे
अगर आप सर्दी खांसी के कारण गले खराब की समस्या से पीड़ित हैं और डॉक्टर के पास जाते हैं तो वो आपसे दवाइयां लेने के अलावा नमक के पानी के साथ गरारे करने को कह सकते हैं। नमक का पानी गले के ऊतक जो सूज गए हैं, उनमें मौजूद पानी को निकालता है और गले की समस्या से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। यह संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया और एलर्जी से लड़ने में मदद करता है और उनको बढ़ने से रोकता है। खराब गले से छुटकारा पाने के लिए एक कप गर्म पानी (250 मिलीलीटर) में एक चम्मच नमक डाल कर हर सुबह गरारे करें।

2. नाखून की समस्या में नमकीन पानी के फायदे इनग्रोन नाखून के लिए –

यदि आपके पैरों के नाखून अंदर की और बढ़ने लगें जिससे आपको पीड़ा और सूजन का अनुभव हो तो आप अपने पैरों को नमकीन पानी में 15 मिनट के लिए भिगोएं और फिर पैरों को सूखा लें। इससे आपके नाखून नरम होंगे और आपको इनग्रोन नाखून को काटने में आसानी होगी। साथ ही अंदर से बढ़ते नाखून के कारण हुई सूजन का उपचार करने में भी मदद मिलेगी।

3. नमकीन पानी के फायदे बुखार में –

बुखार से निपटने में भी नमक का पानी बहुत फायदेमंद है। बुखार से निपटने के लिए नमक युक्त ठंडे पानी में कपड़े को भिगोकर जब सिर पर लगाया जाता है तो यह शरीर से गर्मीं को कपड़े पर स्थानांतरित करता है और नमक में मौजूद इलेक्ट्रोलाइट शरीर में इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बनाए रखते हैं । इस प्रकार यह आपके शरीर के तापमान को कम करने में मदद करता है। बुखार से निपटने के लिए एक कप ठंडे पानी में आधा चम्मच नमक डालकर एक कपड़े को उसमें भिगोकर 2 से 3 मिनट के लिए माथे पर रखें।

4. नमक और पानी का उपयोग संवेदनशील दाँतों के लिए –

यदि आप आइस क्रीम, गर्म चाय या कॉफी पीने से डरते हैं और दाँत की संवेदनशीलता से परेशान हैं तो दाँत की संवेदनशीलता से निपटने के लिए इस होम रेमेडी का प्रयोग कर सकते हैं। नमकीन पानी एक जीवाणुरोधी एजेंट के रूप में कार्य करता है क्योंकि यह बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकता है। यह मसूड़ों को जीवाणुओं के हमले से बचाने में मदद करता है और इस प्रकार संवेदनशील दातों से छुटकारा दिलाता है। दातों की संवेदनशीलता से बचने के लिए एक गिलास गर्म पानी में 2 छोटी चम्मच नमक मिलाकर नियमित रूप से कुल्ला करें।

5. नमकीन पानी के गुण दूर रखे गले का दर्द –

यदि आपका बच्चा गले के दर्द की समस्या के बारे में आपको बताता है जो टॉन्सिलिटिस या बढ़े हुए एडिनॉइड में हो सकती है, तो इस समस्या से निपटने के लिए आप नमकीन पानी का उपयोग कर सकते हैं। नमक की अधिक मात्रा उन ऊतकों में भरे हुए द्रव को बाहर निकालती है जो सूजे हुए हैं और इस तरह गले की सूजन को कम करने के साथ दर्द से भी राहत दिलाने में मदद करती है। निर्जलीकरण के कारण बढ़ने वाले बैक्टीरिया को भी रोकने में नमक का पानी मदद करता है।

इस समस्या से बचने के लिए एक कप गर्म पानी में एक छोटा चम्मच नमक डाल कर गरारे करें। लेकिन यह सुनिश्चित कर लें कि आपका बच्चा ऐसा करने में असहज महसूस न करे क्योंकि नमकीन पानी पीने से उल्टी भी हो सकती है।

6. नमक युक्त पानी का उपयोग फटी हुई एड़ियों पर –

यदि आप फटी हुई एड़ियों के कारण रात को सो नहीं पा रहे हैं तो आप इस आसान और सरल घरेलू उपाय को आजमा सकते हैं। नमकीन पानी न केवल पैरों को मुलायम बनाता है, फटी हुई एड़ियों का उपचार करता है और मृत त्वचा को हटाता है बल्कि त्वचा के संक्रमण और जलन से पीड़ित होने के खतरे को भी कम करता है।

इस समस्या से बचने के लिए थोड़े गर्म पानी में नमक डालें और 10 मिनट के लिए अपने पैरों को भिगोएँ। अब एक प्युमिस पत्थर की मदद से मृत त्वचा से छुटकारा पाने के लिए पैरों को रगड़ें। प्रभावी परिणाम पाने के लिए बिस्तर पर जाने से पहले सप्ताह में कम से कम दो बार ऐसा करें।

7. नमकीन पानी से फायदा बदबूदार पैरों की समस्या में –

नमकीन पानी बदबूदार पैरों की समस्या से निपटने के लिए एक सस्ता और प्रभावी प्राकृतिक उपाय है। बदबूदार पैर ख़राब स्वच्छता के कारण हो सकते हैं। यह जीवाणु संक्रमण के एक अंतर्निहित कारण को भी दर्शा सकते हैं। नमक का पानी प्राकृतिक रूप से जीवाणुरोधी है और जीवाणुओं को बढ़ने से रोकता है। इस प्रकार बदबूदार पैरों से निपटने में नमक पानी आपकी मदद करता है।

इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए आधे बाल्टी गर्म पानी में एक मुट्ठी सेंधा नमक डाल कर उसमें अपने पैरों को कुछ देर के लिए डुबोएं। अब अपने पैरों को ठंडे पानी से धो लें या बर्फ के टुकड़ों को पैरों पर रगड़ें। अत्यधिक पसीने से बचने के लिए यह नियमित रूप से करें ताकि बदबूदार पैरों से आपको छुटकारा मिल सके।

adopt these 7 measures to avoid sore throat

गले की खराश में कांटे जैसी चुभन, खिचखिच और बोलने में तकलीफ (Throat Pain And Soreness) जैसी समस्याएं आती हैं। ऐसा बैक्टीरिया और वायरस के कारण होता है। कई बार गले में खराश की समस्या एलर्जी (Allergy) और धूम्रपान के कारण भी होती है। गले के कुछ संक्रमण तो खुद-ब-खुद ही ठीक हो जाते हैं, लेकिन कुछ मामलों में इलाज की ही जरूरत पड़ती है। आइये जाने इन तरीकों को –

  • गरम पानी और नमक के गरारे
  • लहसुन का उपयोग
  • भाप लेना
  • लाल मिर्च का पेय
  • लौंग का प्रयोग
  • अदरक का सेवन
  • मसाला चाय

1. गरम पानी और नमक के गरारे :-

जब गले में खराश होती है तो सांस झिल्ली की कोशिकाओं में सूजन हो जाती है। नमक इस सूजन को कम करता है जिससे दर्द में राहत मिलती है। उपचार के लिए एक गिलास गुनगुने पानी में एक बड़ा चम्मच नमक मिलाकर घोल लें और इस पानी से गरारे करें। इस प्रक्रिया को दिन में तीन बार करें।

2. लहसुन :-

लहसुन इंफेक्शन पैदा करने वाले जीवाणुओं को मार देता है। इसलिए गले की खराश में लहसुन बेहद फायदेमंद है। लहसुन में मौजूद एलीसिन जीवाणुओं को मारने के साथ ही गले की सूजन और दर्द को भी कम करता है। उपचार के लिए गालों के दोनों तरफ लहसुन की एक एक कली रखकर धीरे धीरे चूसते रहें। जैसे जैसे लहसुन का रस गले में जाएगा वैसे वैसे आराम मिलता रहेगा।

3. भाप लेना :-

कई बार गले के सूखने के कारण भी गले में इंफेक्शन की शिकायत होती है। ऐसे में किसी बड़े बर्तन में गरम पानी करके तौलिया से मुंह ढककर भाप लें। ऐसा करने से भी गले की सिकाई होगी और गले का इंफेक्शन भी खत्म होगा। इस क्रिया को दिन में दो बार किया जा सकता है।

4. लाल मिर्च :-

गले की खराश को ठीक करने के लिए लाल मिर्च भी बेहद फायदेमंद है। उपचार के लिए एक कप गरम पानी में एक चम्मच लाल मिर्च और एक चम्मच शहद मिलाकर पीएं।

5. लौंग :-

लौंग का इस्तेमाल उपचार के लिए सदियों से होता आ रहा है। गले की खराश के उपचार के लिए लौंग को मुंह में रखकर धीरे धीरे चबाना चाहिए। लौंग एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होती है जो गले के इंफेक्शन और सूजन को दूर करती है।

6. अदरक :-

अदरक भी गले की खराश की बेहद अच्छी दवा है। अदरक में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण गले के इंफेक्शन और दर्द से राहत देते हैं। गले की खराश के उपचार के लिए एक कप पानी में अदरक डाल कर उबालें। इसके बाद इसे हल्का गुनगुना करके इसमें शहद मिलाएं। इस पेय को दिन में दो से तीन बार पीएं। गले की खराश से आराम मिलेगा।

7. मसाला चाय :-

लौंग, तुलसी, अदरक और काली मिर्च को पानी में डालकर उबालें, इसके बाद इसमें चाय पत्ती डालकर चाय बनाएं। इस चाय को गरम गरम ही पीएं। यह भी गले के लिए बेहद लाभदायक उपाय है जिससे गले की खराश में तुरंत आराम मिलता है।

गले की खराश हो तो आपको बचना है इनसे –

1 ज्यादा तली हुई चीजों का सेवन

ज्यादा तला-भुना खाना आपके गले को दिक्कत दे सकता है, क्योंकि इनमें तय मात्रा से ज्यादा मसाला और ऑयल होता है। ये दोनों ही चीजें आपके गले को खराब कर सकती हैं। इस दौरान शरीर कमजोर हाेता है, इसलिए जरूरी है कि डीप फ्राईड चीजों की बजाए संतुलित और सादा भोजन लें।

2 ठंडी चीजों से बचें

गर्मियों के मौसम में कूलिंग ड्रिंक्‍स और आइसक्रीम के लिए आपकी क्रेविंग कितनी बढ़ जाती है, पर हमारी दादी-नानी के समय से यह हिदायत दी जा रही है कि जब गला खराब हो तो ठंडी चीजों से परहेज करना चाहिए।

3 दूध सेवन न करें

आपको बता दें खांसी में दूध या दूध से बनी चीज़ों का सेवन आपके कफ को बढ़ाता है और ये आपकी सेहत के लिए भी काफी भी हानिकारक हो सकता है। दूध का सेवन आपके गले और फेफड़ों के लिए अच्छा नहीं होता। ये आपको इन दोनों से जुड़ी समस्या दे सकता है। गले में खराश या इर्रिटेशन होने पर बेहतर है कि आप दूध में हल्‍दी डाल कर पिएं। यह आपकी इम्‍युनिटी बढ़ाने में भी मददगार होगा।

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चुकंदर के फायदे (Beetroot benefits in Hindi)
स्वास्थ्य के लिए प्रकृति ने जो भी चीजें हमें प्रदान की हैं, स्वाद के दृष्टिकोण से अधिकांशत: अच्छी नहीं होती हैं, जैसे, घीया, टिंडा और तोरी चाहे कितने ही सेहत से भरपूर क्यों न हो लेकिन ज्यादातर लोगों को इनका स्वाद अच्छा नहीं लगता है। इसी कैटेगरी में एक नाम आता है चुकंदर का, जिसमें विटामिन की प्रचुर मात्रा होती है लेकिन फिर भी यह ज्यादातर लोगों की रेगुलर लिस्ट में शामिल नहीं है। चुकंदर में फाइबर, विटामिन बी, सी, पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम और अकार्बनिक नाइट्रेट की प्रचुर मात्रा होती है, जिससे आपको चमकती हुई त्वचा मिलने के साथ ऊर्जा का स्तर बना रहता है।

शारीरिक क्षमता में वृद्धि –
चूकंदर के उपयोग से रक्त का संचारण बढ़ता है। ब्लड प्रेशर कम होता है। यह शारीरिक क्षमता को बढ़ाता है , विशेषकर कड़ी मेहनत वाली एक्सरसाइज़ करते समय । यह दौड़ने या साइकिल चलाने की क्षमता में वृद्धि कर सकता है। ये सब फायदे चूकंदर में मौजूद नाइट्रेट के कारण होते है। चुकंदर में मौजूद नाइट्रेट तत्वो से नाइट्राइट और नाइट्रिक ओक्साइड मिलते है। ये दोनों तत्व रक्त की धमनियों को लचीला और चौड़ा बनाते है। इस कारण ब्लड प्रेशर नहीं बढ़ता। ब्लड प्रेशर पर चूकंदर खाने का प्रभाव जल्दी नजर आता है। धमनियों के चौड़ा होने का फायदा यह भी होता है कि शरीर के प्रत्येक अंग में ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में पहुंचती है। इसके कारण ऊर्जा का स्तर सही बना रहता है। जल्दी थकान नहीं होती है ।

ह्रदय रोग –
चुकंदर में घुलनशील फाइबर प्रचुर मात्रा में होते है। इसमें बीटा सियानिन तथा बेटानिन नामक एंटीऑक्सिडेंट होते है। ये ताकतवर एंटी ऑक्सीडेंट होते है जो नुकसान दायक कोलेस्ट्रॉल LDL को कम करते है तथा इसे धमनियों में जमने नहीं देते । इस तरह ह्रदय रोग से बचाव हो सकता है। चुकंदर का ब्लड प्रेशर को कम करने वाला गुण भी ह्रदय रोग से बचाता है।

खून की कमी
चूकंदर में भरपूर मात्रा में फोलिक एसिड होता है। फोलिक एसिड की कमी से लाल रक्त कणों में कमी होकर एनीमिया हो सकता है। चुकंदर का रस नियमित कुछ दिन पीने से खून की कमी दूर होकर कमजोरी दूर होती है। फोलिक एसिड गर्भावस्था में बहुत आवश्यक होता है। इसकी कमी से महिला या पेट में पल रहे बच्चे को तकलीफ हो सकती है।

चुकंदर के नुकसान – Side-Effects of Beetroot in Hindi

  • अधिक चुकंदर का रस पीने से मूत्र का रंग भिन्न हो जाता है।
  • अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से त्वचा पर चकत्ते भी आ सकते है।
  • अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से आपके पेट में दर्द व ऐंठन हो सकता है।

चुकंदर खाने के तरीके ( Ways to eat beetroot)

चुकंदर को आप किस तरह उपयोग कर इसे लजीज बना सकते हैं, आइये जानते हैं, आसान रेसिपीज –

चुकंदर का रायता 
आप बूंदी रायता को भूलकर दही में चुकंदर को घिसकर इसका रायता बना सकते हैं।साथ ही इसमें बारीक कटा हुआ धनिया, लाल मिर्च, अनार के दाने आपके जायके को और भी बढ़ा देगा।

Beetroot ka halwa

चुकंदर का हलवा
चुकंदर को धो कर छील लें और घिस लें। एक कड़ाही या गहरे मोटे तले वाले पैन में दूध और कसा हुआ चुकंदर मिलाएं। मध्यम आंच पर पूरे मिश्रण को एक उबाल आने तक पकाएं और फिर गैस धीमी कर दें। घिसा हुआ चुकंदर दूध में पकाएं। जब दूध 75% से 80% कम हो जाता है, तब उसमें घी और चीनी मिक्‍स करें। अच्छी तरह से हिलाएं और धीमी आंच पर उबालते हुए पकाएं। बीच-बीच में चुकंदर के हलवे को हिलाते रहें। अंत में काजू, इलायची पाउडर और किशमिश डालें और तब तक उबालें जब तक सारा दूध सूख न हो जाए। गैस बंद कर दें। चुकंदर का हलवा गर्मा-गर्म परोसें या आप चाहें तो इसे ठंडा भी परोस सकते हैं।

Beetroot benefits in Hindi

चुकंदर की स्वादिष्ट सलाद 
वैसे तो चुकंदर खाने का सबसे अच्छा तरीका इसे कच्चा खाना है लेकिन फिर भी अगर आपको यह ऐसे अच्छा नहीं लगता तो आप इसे अपनी किसी पसंदीदा सब्जी या फल के साथ खा सकते हैं।आप इसमें अनार, पनीर मिलाकर और नीबू का रस मिलाकर भी खा सकते हैं।

चुकंदर का पराठा 
आप चुकंदर को घिसकर इसमें नमक, लाल मिर्च, हरा धनिया, अजवाइन डालकर एक बेहतरीन स्टफिंग बना सकते हैं।चुकंदर का पराठा हेल्दी ब्रेकफॉस्ट के लिए सबसे बेहतरीन है।

चुकंदर कटलेट्स
एक बड़े बाउल में उबले हुए आलू, कसा हुआ चुकंदर, उबली हुई मटर, गाजर, हरा धनिया, प्याज, सभी मसाले और ब्रेड क्रम्ब्स डालकर अच्छी तरह से मिलाएं. एक कटोरी में कॉर्न फ्लोर, गेहूं का आटा, थोड़ा सा नमक, थोड़ी सी काली मिर्च और पानी मिलाकर गाढ़ा घोल तैयार करें. एक थाली में ब्रेड क्रम्ब्स रखें. चुकंदर के मिश्रण की टिक्कियां बनाएं. इन्हें पहले आटे के घोल में डुबोएं और फिर ब्रेड क्रम्ब्स में लपेटें और गर्म तेल में सुनहरा होने तक तलें.

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चुकंदर चिप्स

आपको चुकंदर को डीप फ्राई नहीं करना बल्कि आपको चुकंदर के पतले लम्बे टुकड़े काटकर इसमें ऑलिव ऑयल लगाना और इसके बाद इस पर नमक छिड़कर आप इसे बेक कर सकते हैं और इस तरह आपके चुकंदर के चिप्स तैयार हो जाएंगे।

अचार 
आप चुकंदर में सिरका, नमक और हरी मिर्च डालकर इसे मेरिनेट करके अचार बना सकते हैं।आप इस टेस्टी अचार को एक हफ्ते के लिए रख सकते हैं।आपको बस इस बात का ध्यान रखना है कि आपको किसी ठंडी जगह पर अचार वाले जार को रखना है।

चुकंदर की चटनी 
आप चुकंदर में हरा धनिया, पुदीना, लहसुन, नीबू का जूस, नमक, लाल मिर्च पाउडर और थोड़ा सा कच्चा आम (अगर संभव हो, तो) डालकर चटनी बना सकते हैं।इस चटनी को आप पराठे, पकौड़े, रोटी के साथ खा सकते हैं।

देसी पिज्जा 
आप घर पर चुकंदर से पिज्जा भी बना सकते हैं।आप बाकी सब्जियों से बने पिज्जे में चुकंदर की स्लाइस लगाकर देसी पिज्जा बना सकते हैं।

चुकंदर का कबाब 
चुकंदर के कबाब बनाने के लिए आप इसमें पनीर को घिस लें, इसमें बारीक कटा प्याज और गीली ब्रेड मिलाकर कबाब बना लें।आप इसमें बारीक कटा धनिया और हरी मिर्च भी मिला सकते हैं।आप इन कबाब को डीप फ्राई करने के लिए ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल भी कर सकते हैं या आप इसमें ऑलिव ऑयल लगाकर फ्राई पिन में टिक्की की तरह सेंक भी सकते हैं।